Wednesday, September 10, 2008

What is our aim Banning slaughter or saving Cow progeny ?

Some of my friends ask about action of this party or that party. Some ask non action. Some say running of slaughter houses. These are some observations for discussion

Dear don't be in panic.

Illegal transportation and is the seen in every corner irrespective of BJP or Congress. Karnataka is not 1st ruled by BJP. Same condition is is all other BJP ruled states.

Economic crime has to be dealt with measures

With out Bill Sale is natural phenomenal in each and every street, in spite of being Crime. Reason is economic and greed of quick money.
We have to deal the problem at all fronts. At govt , NGO, Math & ritual leaders level,Political and Economic front.

The moment you say violence, it gives tool in their hands.
Butchers approached Hon'ble High Court invoking their Fundamental rights of trade and asked for permission till they are provided legal place for slaughter. Court accepted & issued direction.

Now, when Government proceeds for slaughter house construction, we get violent and start opposition.
In fact we fight for the machine instead of actual fight of saving the raw material i.e Cow progeny which has been given strong protection in law.

Instead of asking the proper monitoring of these legal slaughter houses and cracking down on illegal slaughter places, some so called leaders for cheap publicity misguide Vegetarians.

keep in mind State is having 62% Non veg population so I always differentiate in Prani Daya & Goraksha. The moment we say prani daya we loose majority and when we say cow safety even some |Muslim and Christan sects joins hands.
We have to clear our concept i.e what is our target
Veg Vs Non Veg?
Prohibition on Slaughter of all animals?
Safety of Cow progeny ?
Your comments and questions on the subject solicited

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Message
kya vastav me yaha karnataka me gayo ke katlakhane he..aur agar he to bjp ki govt hote hue bhi ye sab allowed he..kya maharastra me bhi is tarah ke katlakhane hain..is se bura bharat me kya ho sakta he ki jis desh me gomata ki puja hoti hein usi desh me ye mahapap ho raha hein.........is congress govt supporting all this.. i want to die listening this kind of news.cant we do something ag

Tuesday, September 2, 2008

गोवंश आधारित उद्योग

कर्णाटक गोशाला महासंघ अध्यक्ष डॉ.एस के मित्तल का गोवंश व् पदार्थों आधारित उद्योग सेमिनार पर ऍफ़केसीसीआई प्रांगण बेंगलोर में शनिवार २३ अगस्त २००८ को माननीय अतिथि व् उद्योगपतियों को सम्बोधन
परमपूजनीय श्रीश्रीश्री बालगंगाधरनाथ महास्वामीजी के चरणों में प्रणाम करते हुए मंच पर विराजमान अतिथिगण, पूर्ण कर्नाटक से पधारे मेरे भाईबहिन व् पत्रकारबंधुओं,
कर्नाटक गोशाला महासंघ, ऍफ़केसीसीआई और राज्य के डेढ़ करोड़ गोवंश की और से कृष्ण जन्मास्टमी की शुभ कामना देते हुए देश की शायद प्रथम गोवंश व् पदार्थों आधारित उद्योग सेमिनार पर आप का स्वागत करता हूँ. मेरे मित्र ऍफ़केसीसीआई अध्यक्ष श्री दी. मुरलीधर का चुना आज का दिन इस विषय पे खाश महत्व रखता है क्योंकि भगवान कृष्ण गोवंश रक्षा, सम्वर्धन और गोवंश द्वारा विकाश के रूप माने जाते हैं.
कर्नाटक भारत का छटा बडा राज्य है जिसका क्षेत्रफल १,९१,७९१ किलोमीटर और जिसमे ३० जिले, १७६ तहसील, ७४५ परगने, २७४८१ बसे हुए ग्राम २७० शहर हैं. साढे पाँच करोड़ आबादी वाला उद्योगों से परिपूर्ण यह देश की ६.७% गोवंश द्वारा देश का छटा बड़ा दुग्ध उत्पादक राज्य है. २००५-०६ गोवंश जनगणना के अनुसार हमारे पास हलिकार, अमृतमहल. खिल्लार, देवनी, गिद्दा कृष्णवेली जैसी प्रशिद्ध नस्लों के साथ छिअनावें लाख गाय बैल और इकतालीस लाख बीस हज़ार भैंसे हैं. आप की जानकारी के लिए राज्य की सूचनाएं आप तक दी जाचुकी हैं.
मैं आप को कुछ दशक पहले ले चलता हूँ जब बिना गोवंश के खेती, परिवहन सिचाईं, यानी कोई भी गतिविधि सोच ही नहीं सकते थे. इस प्रभु की रचना को कामधेनु नंदी बृषभ जैसे आध्यात्मिक नामसे पुकारा जाता था.
ग्रामीण दिनचर्या, अर्थ, विकास की केन्द्रीय धुरी यह गोवंश ओछे लालच और विदेशी सामानों के उपयोग के सामने हम लोगों ने भुला दिया है . परिणामवश मोक्ष प्रदायनी, कामदा, सुखदा गोमाता आज अनुत्पादक, धरती का भार कही जाती है और प्रतिदिन क्रूरता पूर्वक विभिन्न विधि विधानों को तोड़ते हुए देश के हर कोने में हर राज्य के कसायिखानो में कट कर गली गली में बिकती देखी जा सकती है. इस के परिणाम ?
यह किस कीमत पर? यह दीवानगी भरा मूक प्राणीसंहार आज पर्यावरण, स्वास्थ्य, स्वच्छता, रोजगार, और ग्रामीण विकास को तहस नहस कर रहा है.
साथिओं, आपको ज्ञात है कि? कर्नाटक राज्य में गोवंश से प्रतिवर्ष उपलब्ध ५करोड़ २५ लाख टन गोबर लगभग १८०० करोड़ कीमत कि ३७२.७५ करोड़ यूनिट बिजली उत्पन्न कर सकता है.और येही गोबर अगर व्यापारिक रूप से उपयोग में लाया जाये तो ग्राम ka द्रश्य ही बदल सकता है और सबसे सस्ता नय्स्रगिक खाद का उत्पादन राज्य कि खाद समस्या सुलझाते हुए रस.३/-प्रति किलो से भी १६,००० करोड़ का राज्य उत्पादन में सहयोग दे सकता है.
बैल शक्ति का कृषि, सिचाई, परिवहन व अन्य कल कारखानों को चलाने में उपयोग ग्रामीण बेरोजगारी समाप्त कर पेयजल, नलकूपचालन, विद्दयुत उत्पादन कर ग्राम विकास में सहयोग कर भारत के भूतपूर्व राष्ट्रपति महामहिम डॉ. ऐ.पी.जे. अब्दुल क़लाम जी कि कल्पना 'पूरा' ग्राम में शहर कि सुविधा' कर सकता है कृषक और गौपालक को उत्पादन के अच्छे दाम दिलवाते हुए, प्राकृतिक साधनों के उपयौग से बेहतर स्वास्थ्य और राजस्व में अशीम बढोतरी और राज्य के व्ययों में कमी ला सकता है.
मित्रों, हमारे राज्य के हर जिले को लगभग ५ लाख गोवंश का आशीर्वाद प्राप्त है जीसके द्वारा असीम कीमती गोबर और गोमूत्र प्राप्त होता है. वजन के आधार पर हर जिले में लगभग २० लाख टन गोबर और ७ लाख ५० हजार किलो लीटर गोमूत्र का यानी राज्य का जोड ५क्रोद २५ लाख टन व् गोमूत्र २ करोड़ किलो लीटर पैदा होता है. यह निरंतर पैदा होने वाला उद्योगिक कच्चापदार्थ उद्योगपति भाईओं कि आँखों से छुटा हुआ है.
सवाल पैदा होता है कि यह कहाँ जा रहा है?
निरंतर मशीनीकरण और कृत्रिम उत्पादों के बढ़ते उपयोग ने सबसे सस्ता यानी रु. ३/- प्रति किलो का खाद भी आज भुला दिया गया है और रु. २२-२५/- प्रति किलो का रासायनिक खाद बेशकीमत विदेशी मुद्रा खर्च कर आयात किया जा रहा है लाखों करोड़ का सरकारी अनुदान देकर कृषक भाईओं में वितरित किया जा रहा है.
और गोबर और गोमूत्र नालिओं से बहकर पास के तालाबो नहरों या नदियों में गिर कर उनकी सतह निरंतर ऊँची कर रहा है. इस जमी हुई गाद को निकालने पर पुनः राज्य और केन्द्रीय सरकारों का अरबों रुपया खर्च हो रहा है
प्रिय उद्योगपति साथियो, मैं आप को बताना चाहता हूँ, आप का ध्यान इस स्वर्ण कि और आकर्षित करना चाहता हूँ जिस से बीसिओं वस्तुओं का निर्माण हो सकता है जो बहुत ही लाभदायक व्यवसाय हो सकता है .आज भी बैलो कि जोडी हमारे ग्रामीण दिलों में निवास करती है जो अकारण नहीं आज पुनः विद्दुत, जल, कृषि, कोल्हू, यातायात और परिवहन साधन के रूप में आप के द्वारा व्यवसायिक रूप में लाभ उपार्जन में कि जा सकती है..
विद्दुत के दो साधन बैलशक्ति , एक गोवंश ८ अश्वशक्ति, जो लगभग १२ करोड़ अश्वशक्ति के सामान और गोबर से उत्पादित बायोगेस यानी लगभग १४ किलो गोबर द्वारा गेस से एक विद्युत् इकाई पैदा कि जा सकती है.
इस से प्रतिदिन काम में आनेवाली वस्तुएं जैसे साबुन, शेम्पू, फिनायल, धुप, अगरबती, रंग रोगन, कीमती टाइल, प्लाई बोर्ड, दवायीआं, मूर्तियाँ, यहाँ तक कि कागज भी निर्माण किया जा सकता है. कुच्छ संभावित उद्योगों कि जानकारीसूचिका आपके सामने है. हमे आप के साथ जुड़ने और इस विषय पर और जब भी और जैसी भी जानकारी हमारे पास है आप तक पहुँचाने और उपलब्ध कराने में अति प्रसन्नता होगी
आईये गोवंश और इस पर आधारित उद्योगों के कुछ लाभों कि चर्चा करें करें
.उद्योगों को चलाने के लिए लगभग ७ करोड़ टन वार्षिक गोबर और गोमूत्र के रूप में कच्चा माल
प्रति वर्ष १०% कि अनुमानित बढोतरी
राज्य सरकार का गोबर और गोमूत्र डेरी स्थापना कर निश्चित दाम पर खरीद और उपलब्ध करने का आश्वासन
उपलब्धता हर जिले, हर तालुक, हर गाँव यानी सम्भावित उद्योग के १० किलोमीटर के दायरे में होने से उद्योग स्थान चुनने में आसानी और इसके अनगिणित स्थानीयलाभ.
केवल कच्चा माल ही नहीं बैलशक्ति का मशीन संचालन में विद्युतशक्ति के स्थान वायु, सोर्य उर्जा की तरह गैर पारम्परिक शक्ति उपयोग की असीम सम्भावना
लाभ का प्रतिशत इतना अधिक यानी गैर लाभ गैर हानी बिंदु क्षमता के १० प्रतिशत में ही प्राप्त किया जासकता है प्रतिदिन बढ़ते हुए खनिजतेल दाम जो कभी भी २०० डालर पार कर सकते हैं भारतीय उद्योग के अस्तित्व के लिए बड़ा खतरा माना जाते हैं. कया हमे अभी से विभिन्न उपलब्ध उर्जा वाह कच्चे माल के स्त्रोत नहीं निकलने और इस्तमाल में लाने चाहियें.
देशवासिओं के स्वास्थ्य का ध्यान नेसर्गिक उत्पादन प्रारम्भ कर और क्रत्रिम रासायनिक उत्पादों पर निर्भरता कम कर के ही रखा जा सकता है. गोवंस आधारित उद्योग स्थापना और इनके उत्पादों का कच्चे माल की तरह उपयोग कर ही हम यह आश्वासन पूरा कर सकते हैं.
येही नहीं, मेरी प्यारे साथिओं इस अति लाभ दायक उद्योग सम्भावना के लिए आप आगे आयेंगे तो राज्य में एक नए उद्योगिक वातावरण का निर्माण होगा जो लाखो नवयुवकों को को रोजगार, स्वस्थ्य भोजन, और आद्यात्मिक जीवन की और अग्रसर करेगा साथ में लाखों मूकप्रानिओं की रक्षा में सहायक होगा.
इस अवसर पर उपस्तिथ माननीय मंत्री और विशिस्ट अतिथिगनो और मेरे पत्रकार साथिओं के माध्यम से माननीय मुख्यमंत्री जी से अनुरोध करना चाहूँगा की इस और आगे बढ़नेवाले उद्योगपति साथिओं को पूर्ण सहयोग और बढ़ावा प्रदान करें. इस विशेष उद्योग के लिए विशेष उद्योगिक क्षेत्रों की संरचना की जाये, गोवंश आधारित आदर्शग्राम निर्धारित कीये जाएँ, विशेष रियायतें, अनुदान आर्थिक कर व् आबकारी से छुट प्रदान की जाये. जहाँ भी सरकारी विभागों में सम्भव हो गोवंश आधारित निर्माण को खरिदा जाये.
साथियो आपने देखा की कीतना लाभकारी और विस्तृत है हमारा गोवंश और इसही लिए आज यह सेमिनार हैआइये हम सब हाथ मिलाएँ और इस विश्व को गोवंश की महत्ता बता दें और इसे सिर्फ शाब्दिक नहीं लेकिन वास्तविक कामधेनु स्थापित करते हुए राज्य की उन्नति, प्रगति और युवा शक्ति, स्त्रीशक्ति, ग्रामशक्ति सबके उत्थान का मार्ग प्रसस्त करें और देश के उत्थान में अपना योगदान देकर रास्ट्रपिता महात्मा गाँधी जी की रामराज्य कल्पना साकार करें.
अप्प सभी को पुनः: इस सेमिनार से अतिशय लाभ हो और आप जल्द ही गोवंश आधारित उद्योगों के संरचना में जुडेंगे इसही विश्वास के साथ गोरक्षा के माध्यम से देश सेवा में रत
आपका स्नेहकांक्षी डॉ. श्रीकृष्ण मित्तल
(मदद करने वाले हाथ बोलने वाले होटों से ज्यादा पवित्र होते हैं)
PRODUCTS & SERVICES AVAILABLE FOR INDUSTRIAL EXPLOITATION FROM COW PROGENY
Bull Power:
Medicine
Use as Prime Mover for water suction, Expeller, Flour Mill, Spice Mill, Fodder Cutting machine, Thresher, and other Cottage units
More than 100 formulations as per Ayurveda can be manufactured for curing 170 + diseases including Sugar, Heart, Stomach, Cancer, Aids.
Bull Driven Tractor
Vansh lochan
Local & inter District Transportation
Milk & Milk Products

Confectioneries & Sweets
Consumer & other products
Curd
1. Floor Tiles
Cheese with different flavor
2. Wall tiles

3. Roof Tiles

4. Wooden Floor Tiles
Leather & Leather based items
5. Writing Paper

6. Packaging material
Organic Fertilizer
7. Furniture Plywood and Board
Wormy compost
8. Mosquito Coils
Pest Repellant
9. Phenyl
Samadhi Khad- by dead body
10. Wall Distemper
Sing Khad – by using Horns
11. Shampoo
Bio Gas
12. Soap
Electricity generation
13. Hand Wash, Latrine & Blue powder
Cooking fuel
14. Dhoop
Lighting agent
15. Gomay Aushodhi
Automotive Fuel
16. Samidha Powder

17. Shaving Cream

18. Face Cream

19. Tooth paste

20. Medicine by the use of Cow urine.
21. Mercury